22 साल का नौजवान उमर फ़याज़ देश की सेवा करने के जज्बे से सेना में भर्ती हो जाता हैl फ़याज़ को 6 महीने ही हुए होते हैं सेना में शामिल हुए, लेकिन आतंकवादियों और देश के दुश्मनों को ये बात पसंद नही आती कि एक कश्मीर का नौजवान भारतीय सेना में शामिल होकर हिंदुस्तान की सेवा कैसे कर सकता हैl उमर फ़याज़ अपने चचेरे भाई की शादी में शामिल होने के लिए गये थे, जहां आतंकियों ने उमर को किडनैप किया और बर्बरता के साथ उनकी हत्या कर दीl
आपको बता दें कि उमर फ़याज़ की हत्या के बाद पूरा देश हत्यारों को सबक सिखाने की मांग कर रहा हैl वहीं दक्षिण पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ और राजपुताना राइफल्स के कर्नल लेफ्टिनेंट जनरल अभय कृष्णा ने कहा, ‘मैं परिवार को आश्वस्त करता हूं कि इस जघन्य अपराध और कायरतापूर्ण कृत्य के अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगाl’ फयाज दक्षिण कश्मीर के कुलगाम के रहने वाले थे, वह राजपुताना राइफल्स में कार्यरत थेl उमर फ़याज़ की हत्या के बाद जब 13 मई को सेना कुछ बड़े अधिकारी उमर फ़याज़ के घर गये तो वहां कुछ ऐसा हुआ कि जिसे देख हर भारतीय की आँखों में आंसू आ ही जायेगाl
आपको बता दें कि जब सेना के बड़े अधिकारी बीएस राजू और उनके साथ अन्य अधिकारी लेफ्टिनेंट उमर फ़याज़ के घर शोपियां गये तो उनके घर जाने के बाद माहौल एकदम गमगीन हो गयाl फ़याज़ के घर वाले सेना के अधिकारियों फ़याज़ को याद करने लगेl सेना के अधिकारियों की वर्दी को देखकर उन्हें फ़याज़ की याद आने लगी और उनकी आँखों में आंसू आ गयेl ऐसा देख सेना के अधिकारी भी एकदम खामोश पड़ गये और उनके घर वालों को ढांढस बंधाने लगेl
आतंकवादियों की इस कायरतापूर्ण कदम पर भारतीय सेना ने 10 मई को संकल्प लिया कि इसका करारा जवाब दिया जायेगा और हत्यारों पर उचित कार्रवाई की जाएगीl वहीं वित्तमंत्री अरुण जेटली ने भी ट्वीट किया, ‘शोपियां में लेफ्टिनेंट उमर फयाज का अपहरण और हत्या कायरतापूर्ण और नीचतापूर्ण हरकत है. जम्मू-कश्मीर का यह युवा अधिकारी रोल मॉडल थाl’ आपको बता दें कि उमर फ़याज़ के घर जाने वाले GOC विक्टर फोर्ट के बीसी राजू ने उमर फ़याज़ के लिए कुछ ऐसा ऐलान किया जिसे जानकर आपको भी गर्व होगाl
आपको बता दें कि जीओसी विक्टर फोर्ट के बीसी राजू ने शोपियां के एक स्कूल के नाम को बदलकर लेफ्टिनेंट उमर फ़याज़ के नाम ‘ करने का फैसला किया है, जोकि उमर फ़याज़ के लिए एक श्रद्धांजली होगीl आपको बता दें कि शोपियां के हरमेन इलाके से 22 वर्षीय लेफ्टिनेंट उमर फयाज का गोलियों से छलनी शव बरामद किया गया थाl
कश्मीर में जिस तरीके से हालात हैं, उसको देखते हुए उमर फ़याज़ ने एक उम्मीद जगाई थी, जिससे वहां के युवाओं में विश्वास पैदा हो रहा था कि भारत सरकार उनके साथ है और उनके विकास के लिए प्रयासरत हैl इस बदलाव के बाद आंतकियों को लगने कि उनकी पकड़ कमजोर हो रही है और ऐसे में उन्होंने उमर फ़याज़ की हत्या कर दीl
घाटी में लगातार बढ़ रही आतंकियों घटनाओं से परेशान सेना की मदद के लिए अब सरकार ने एक नया और अचूक रास्ता निकाला है। दरअसल अब आतंकियों के हमलों को काबू करने के लिए सेना ने आक्रामक रुख अपना लिया है। जल्द ही भारतीय़ सेना में आतंकवाद की कमर तोड़ने के लिए आर्मी ने कॉर्डन एन्ड सर्च ऑपरेशन्स (कासो) लागू करने का फैसला लिया गया है।
कश्मीर में शुरू होने वाले इस अभियान का नाम ‘घेरा डालना और तलाशी अभियान’ कासो है, जिसे 15 साल बाद एक बार फिर शुरू किया जा रहा है। गौरतलब है कि सेना ने 15 साल पहले यह कार्य प्रणाली छोड़ दी गई थी, लेकिन हाल की घटनाओं को देखते हुए सेना इसे फिर से शुरू करेगी।
जानिए क्या है कासो
सेना में मौजूद सूत्रों के मुताबिक आने वाले दिनों में कासो का इस्तेमाल कश्मीर के आतंकवाद प्रभावित कुलगाम, पुलवामा, तराल, बड़गाम और शोपियां में किया जाएगा। सूत्रों ने मुताबिक कासो 15 साल के लंबे समय के बाद आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के अभियानों के तहत इस्तेमाल की जाएगी। बता दें कि इससे पहले कासो के इस्तेमाल पर विरोध जताते हुए सेना ने स्थानीय लोगों के सख्त विरोध और सैनिकों को होने वाली असुविधाओं के कारण बंद कर दिया था।
कासो को साल 2001 में बंद करने के बाद सेना सिर्फ विशेष खुफिया सूचना मिलने पर ही घेरा डालने और तलाशी अभियान चलाती थी। हालांकि, सुरक्षा के लिहाज से अभियान थोड़ा जोखिम भरा भी है क्योंकि ऐसे अभियानों के दौरान होने वाली दिक्कतों की वजह से सुरक्षा बल स्थानीय आबादी से अलग पड़ जाते हैं।
अभी दो दिन पहले ही सेना के युवा अधिकारी लेफ्टिनेंट उमर फयाज़ की शोपियां में हत्या कर दी गई थी। जिसको लेकर सेना और देश के नागरिको में जबरदस्त गुस्सा है। उमर फयाज़ की हत्या के बाद कासो को फिर से शुरू करने का फैसला किया गया है। गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों में आतंकवादियों ने बैंक लूटने, सुरक्षा बलों को मारने और उनके हथियार छीनने जैसे काम किये हैं।