पाकिस्तान द्वारा भारत को दिए गए धोखों की लिस्ट बहुत लंबी है. पाकिस्तान भारत से अलग होकर ही बना और बनने के बाद से ही उसने भारत के खिलाफ काम करना शुरू कर दिया था. अपनी नापाक हरकतों को पूरा करने के लिए पाकिस्तान ने भारत पर कई बार युद्ध थोपे और हर बार ही उसे भारत ने पटखनी दी. आज भी भारत और पाकिस्तान के बीच हालात बिगड़े हुए हैं इसके पीछे भी पाकिस्तान का अड़ियल और मुर्खता पूर्ण रवैया है. पाकिस्तान कई बार झूठ का भी सहारा लेता है. ऐसा ही झूठ उसने कुलभूषण जाधव के मामले में भी बोला.

पाकिस्तान का बस चलता तो अब तक दे चुका होता जाधव को फांसी
आप जानते होंगे कि भारत के नागरिक कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान ने अपनी जेल में बंद करके रखा है. पाकिस्तान की मिलिट्री कोर्ट ने जधाव को फांसी की सजा सुनाई है और अगर पाकिस्तान के बस में बात होती तो शायद वो अब तक कुलभूषण जाधव को फांसी पर लटका चुका होता लेकिन इस मामले में दुनिया की सर्वोच्च अदालत ने फांसी पर रोक लगा दी है. इसीलिए पाकिस्तान की हिम्मत नहीं है कि वो कोई भी गलत कदम उठा सके.

एक बलूची नागरिक ने खोल दी पाकिस्तान की पोल
इस मामले में अब भारत के एक टीवी चैनल ने खुलासा किया है. इस खुलासे की मानें तो पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव को कभी पकड़ा ही नहीं था. वो झूठ बोलता है कि उसने जाधव को गिरफ़्तार किया था. बलूचिस्तान की आजादी के आंदोलन के कार्यकर्ता मेहराब सरजाव ने ये बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान ने कभी जाधव को पकड़ा ही नहीं था. जाधव को आतंकी संगठन लश्कर-ए-खुरासन ने पकड़ा और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के हवाले कर दिया. मेहराब ने आगे ये भी कहा कि अगर आवश्यकता पड़ी तो इस बात का सबूत वो अंतरराष्ट्रीय अदालत में भी पेश करेंगे. मेहराब का कहना है कि जाधव को पाकिस्तान ने अपने जाल में फंसाया था.

एक आदिवासी कुनबे को दिया गया था किडनैप करने का काम
मेहराब सरजाव ने जाधव मामले पर बात करते हुए भारतीय टीवी चैनल को बताया कि जधाव को किडनैप करने के लिए बलूच आदिवासी कुनबे जरदारी और कुबदानी का इस्तेमाल किया गया था. उन्हें इस तरह से जाल में फंसाया गया कि वो खुद भी कुछ समझ नहीं पाया होगा उसे वहीँ ले जाया गया जहाँ ले जाना पहले से ही तय किया जा चूका था. उन्होंने आगे कहा कि, ‘जाधव को अगवा करने का ठेका लश्कर ए खुरासन को मिला था जो फिरौती के लिए दूसरे देशों से आए नागरिकों को अगवा करने में एक्सपर्ट है. जाधव से गलती सिर्फ ये हुई कि वो बिजनेस के मोह में अपहरण के नापाक जाल में फंसते चले गए.’

जाधव बिजनेस को आगे ले जाना चाहते थे. बिजनेस को आगे बढ़ाने के लालच ने उनको ऐसे लोगों के चुंगल में फंसा दिया जिनका मकसद कुछ और ही था. जब जाधव की दोस्ती आगे बढ़ने लगी उसी दौरान एक बलूच नागरिक का ऑफर उनके पास आया जिसके लालच में जाधव फंस गए. जिस ऑफर को जाधव बहुमूल्य समझ रहे थे वो उनको फंसाने की साजिश थी.

इसके बाद जाधव ईरान से एक सहयोगी के साथ पाकिस्तान सीमा से जुड़े सरावन के लिए निकल गए, आगे चलकर उनकी कार में एक बलूच अलगाववादी भी बैठ गया और ये आदमी ही जाधव को पाकिस्तान की सीमा में लेकर गया. इसके बाद कुलभूषण जाधव पाकिस्तान की पकड़ में आ गए.
अगर मेहराब सरजाव के दावे सच्चे हैं तो पाकिस्तान जल्द ही बड़ी मुसीबत में पड़ सकता है. सारी दुनिया में उसकी फ़जीहत होना तय है. वैसे ये बात तो तय है कि पाकिस्तान झूठ बोल रहा है लेकिन उसका झूठ कितना बड़ा है वो वक़्त ही बताएगा.