JNU भारत के जाने-माने कॉलेजों में से एक है. JNU के बारे में हम सब जानते हैं कि कहने को तो ये देश का प्रतिष्ठित कॉलेज है लेकिन, आए दिन ये कॉलेज भारत के खिलाफ इसके छात्रों द्वारा किये जा रहे कारनामों के कारण चर्चाओं में आ जाता है. JNU में कई ऐसे छात्र हैं जो भारत में रहकर ही भारत के खिलाफ़ बातें करते हैं. कुछ समय पहले JNU के कैम्पस में ज़ोर-शोर से भारत के खिलाफ नारे लगे थे, इस बारे में आपको भी जानकारी होगी. JNU के छात्र भारत में रहकर ही भारत के खिलाफ ऐसी बातें करते हैं जिन्हें सुनकर हर भारतवासी को गुस्सा आता है. भारत-पाकिस्तान ICC चैम्पियन ट्रॉफी के फाइनल में जब पाकिस्तान की जीत हुई तो उस समय भी मीडिया में खबरें आईं कि JNU कैंपस में पाकिस्तान की जीत का जश्न मनाया गया था.

पहली बार JNU में कारगिल विजय दिवस पर किया गया कार्यक्रम
आपको ये जानकर हैरानी होगी कि कारगिल युद्ध के कई सालों बाद पहली बार JNU में कारगिल विजय दिवस पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. इसी मौके पर बोलते हुए जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलपति एम. जगदीश कुमार ने जनरल वीके सिंह और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से कहा कि वे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय को सेना का एक टैंक दिलवाने में उनकी मदद करें.

कुलपति ने की गुजारिश
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलपति ने ये भी कहा कि वो इस टैंक को कैंपस में एक प्रमुख स्थान पर लगाएंगे. एक ऐसी जगह जहाँ छात्र अक्सर जाते हों. इस टैंक को लगाने का मकसद होगा कि JNU के छात्र सेना के बलिदानों को याद रखें. ये टैंक उनको सेना और सैनिकों के समर्पण से रूबरू कराता रहेगा.

आपको बता दें कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में सैन्य टैंक रखने का विचार 9 फरवरी, 2016 को आयोजित उस कार्यक्रम के बाद ही आया है जिसमें JNU के कुछ छात्रों ने भारत विरोधी नारे लगाए थे. इस घटना के बाद JNU के छात्रों को गिरफ़्तार भी किया गया था और उनपर कार्यवाही भी की गई थी. JNU के छात्रों में राष्ट्रवाद पैदा करने के लिए टैंक रखने का विचार आया है.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि, ये कार्यक्रम आयोजित करके जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय ने सेना को सम्मान दिया है. इसके साथ ही विदेश राज्य मंत्री जनरल वी.के सिंह ने भारतीय सेना के साथ के अपने अनुभवों को सबके साथ साझा किया.

JNU अपनी राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के लिए जाना जाता है. यहाँ पर कई बार छात्रों ने ऐसे काम किये हैं जिनको लेकर पूरे देश में गुस्सा देखा गया है. इसी वजह से अब इन छात्रों को देशभक्ति सिखाने के लिए इस तरह के काम किये जा रहे हैं जिनसे इनके दिल में देश के प्रति सम्मान जागे. सोचने की बात ये भी है कि इन छात्रों को ऐसे देश विरोधी काम करने के लिए उकसाता कौन है. देशभक्ति जगाने के लिए किसी प्रतीक की आवश्यकता नहीं होती सरकार को कोशिश करनी चाहिए कि JNU से उन तत्वों को हटाया जाए जो देश के खिलाफ़ छात्रों को उकसाते हैं. ख़ैर अब देखते हैं टैंक लगने के बाद JNU के छात्रों की देशभक्ति में कितना सुधार आता है.