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खुशखबरी-अब जन औषधि केंद्र आवेदकों को मोदी सरकार देगी 7 लाख प्रोत्साहन राशि,जानिए इस प्रकार करें तुरंत आवेदन

by rajneesh March 26, 2021
written by rajneesh

अब 7 लाख रुपये तक मिलेगा प्रोत्साहन राशि
सबसे पहले यह जान लेते हैं कि अगर कोई व्यक्ति नया जन औषधि केंद्र खोलता है तो उसे किस तरह के फायदे होंगे. नया जन औषधि केंद्र खोलने वालों को मोदी सरकार 5 लाख रुपये तक का प्रोत्साहन राशि दे रही है. लेकिन अगर यही केंद्र किसी आकांक्षी जिले में खोला जाए तो 2 लाख रुपये और मिलेंगे. यानी इस स्थिति में प्रोत्साहन राशि 7 लाख रुपये होगी. अगर कोई महिला, विकलांग, अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति का व्यक्ति का जनऔषधि केंद्र खोलता है तो उसे भी मोदी सरकार 7 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि देगी. कुछ समय पहले तक यह प्रोत्साहन राशि सिर्फ 2.5 लाख रुपये थी.

दवाओं की बिक्री पर 20 फीसदी तक कमीशन
अब मोदी सरकार इस योजना के तहत जनऔषधि केंद्र के फर्नीचर और अन्य जरूरी सुविधाओं को तैयार करने के लिए प्रति केंद्र 1.5 लाख रुपये की मदद कर रही है. साथ ही कंप्यूटर और प्रिंटर समेत बिलिंग की व्यवस्था विकसित करने के लिए केंद्र सरकार हर जन औषधि केंद्र को 50,000 रुपये दे रही है. जन औषधि केंद्र से दवाओं की बिक्री पर 20 फीसदी तक कमीशन मिलता है. इसके अलावा हर महीने होने वाली बिक्री पर अलग से 15 फीसदी का इंसेंटिव मिलता है.

साल 2015 में प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना की शुरुआत हुई थी
बता दें कि मोदी सरकार ने साल 2015 में प्रधानमंत्री जन औषधि परियोजना की शुरुआत की थी. आम आदमी पर से दवाई के खर्च का बोझ कम करने के लिए सरकार ने यह योजना शुरू की थी. जन औषधि केंद्रों पर देश की दूसरी केमिस्ट के दुकानों से 90 प्रतिशत सस्ती दरों पर दवा मिलती है, क्योंकि ये जेनेरिक दवाएं होती हैं. पीएम मोदी ने जन औषधि दिवस के मौके पर कहा था कि सरकार की इस योजना से गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को बड़ी राहत दी है. पीएम मोदी ने साथ में कहा था कि इस योजना से देश में रोजगार के नए मार्ग भी खोल दिए हैं. पीएम मोदी ने बताया कि इस योजना से देश के आम लोगों को 3,600 करोड़ रुपये की बचत हुई है.

ये लोग भी कर सकते हैं आवेदन
बता दें कि केंद्र सरकार ने जन औषधि केंद्र खोलने के लिए तीन तरह की कैटेगरी बनाई है. पहली कैटेगरी के तहत काई भी व्यक्ति, बेरोजगार फार्मासिस्ट, डॉक्टर या रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशन स्टोर शुरू कर सकता है. दूसरी कैटेगरी में ट्रस्ट, एनजीओ, प्राइवेट हॉस्पिटल, सोसायटी सेल्फ हेल्प ग्रुप को अवसर मिलता है और तीसरी कैटेगरी में राज्य सरकारों की तरफ से नॉमिनेट की गई एजेंसीज होती हैं. फिर प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र के नाम से दवा की दुकान खोली जाती है.

March 26, 2021 0 views
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