सती’श प्र’साद सिंह (Satish Prasad Singh) 1968 में बि’हार के मुख्य’मंत्री बने थे। हा’लांकि, मह’ज 5 दिन ही वो मुख्य’मंत्री के पद पर रहे। पिछ’ले महीने 27 अक्टू’बर को उन’की प’त्नी ज्ञान’कला देवी का भी नि’धन हो गया था।
पटना
बिहार में विधा’नसभा चु’नाव को लेकर सिया’सी घमा’सान चरम पर है। इस बीच बड़ी ख’बर आ रही है पूर्व मुख्य’मंत्री सती’श प्र’साद सिंह का नि’धन हो गया है। वो 89 सा’ल के थे और पि’छले कुछ दिनों से को’रोना वाय’रस से संक्र’मित थे। दि’ल्ली में उनका इला’ज चल रहा था, जहां उन्हों’ने सोम’वार को आ’खिरी सांस ली। बि’हार में स’बसे कम स’मय तक मुख्य’मंत्री रहने का रिकॉ’र्ड उनके नाम है। उनके नि’धन पर सिया’सी गलि’यारे में शोक की ल’हर दौड़ गई है। पि’छले मही’ने 27 अक्टू’बर को उनकी पत्नी ज्ञान’कला देवी का भी निध’न हो गया था।

मह’ज 5 दिन के लिए बि’हार के सी’एम बने थे सती’श प्रसा’द सिंह
सतीश प्र’साद सिंह 1968 में बि’हार के मुख्य’मंत्री बने थे। हालां’कि, महज 5 दिन ही वो मुख्य’मंत्री के पद पर रहे। उनके सी’एम बनने का कि’स्सा बड़ा दिल’चस्प था। 1967 में जब चौथी विधान’सभा के लिए चु’नाव हुए थे तो उस सम’य कां’ग्रेस को बिहार में बहु’मत नहीं आया था। ऐसे में प्रदे’श में पह’ली बार गैर कां’ग्रेस पार्टी की सर’कार बनी। उस स’मय जन’क्रांति दल के महा’माया प्र’साद सिन्हा को सी’एम बनाया गया, ले’किन एक साल पूरा होने से पह’ले ही उन्हें कु’र्सी छोड़नी पड़ी।
सीएम बनने का किस्सा था बड़ा दिल’चस्प
इसी बीच संयु’क्त सोश’लिस्ट पार्टी के नेता स’तीश प्र’साद सिंह को मुख्य’मंत्री बनाया गया। हालां’कि, वो भी महज 5 दिन ही सी’एम की कु’र्सी पर रह सके। उनके बाद में बी’पी मं’डल को बिहार का मुख्य’मंत्री ब’नाया गया लेकिन वो भी म’हज 31 दिन ही सीएम की कु’र्सी संभा’ल सके। सती’श प्रसा’द सिंह 1980 में कां’ग्रेस पा’र्टी के टि’कट पर बिहा’र के खग’ड़िया सीट से 7वीं लो’कसभा के लिए चुने गए थे।
कांग्रे’स से सांस’द चुने गए, कुछ सम’य तक बीजे’पी में भी रहे
सती’श प्रसा’द सिंह कुछ स’मय तक बीजे’पी में भी रहे। 22 सितं’बर 2013 में उन्होंने बी’जेपी की सद’स्यता ग्रहण की थी। हालां’कि, उन्होंने लोक’सभा चुना’व के दौरान कुश’वाहा समु’दाय को उचित प्रति’निधित्व नहीं मि’लने का आरोप लगा’ते हुए विरो’ध स्व’रूप बीजेपी से इस्ती’फा दे दिया था।