आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि आज की परिस्थितियां कुछ अलग हैं और देश में जारी कोरोना संकट के चलते वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देशवासियों से संबोधन करना पड़ रहा है. हालांकि सामूहिक प्रयासों से देश इस विपदा से बाहर निकल सकेगा. बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर पूरे देश को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि मुझे पहले भी इस अवसर पर देशवासियों के साथ संवाद करने का सौभाग्य मिला है हालांकि आज की बदली हुई स्थितियों के चलते हमें कुछ संकल्प लेने की जरूरत है.

पीएम मोदी ने कहा कि आमने-सामने आकर देशवासियों से मुलाकात नहीं हो पा रही है लेकिन बदले हुए हालात में भी आपका और मेरा मन का जो जुड़ाव है उसके कारण सशरीर उपस्थिति की महत्ता हमेशा नहीं होती है. आज दूर रहकर भी टेक्नोलॉजी के माध्यम से आपने मुझे अपने से जुड़ने का अवसर दिया इससे बढ़कर सौभाग्य की बात क्या हो सकती है. प्रधानमंत्री ने कहा कि भगवान बुद्ध ने भारत की संस्कृति और इस महान परंपरा को बहुत समृद्ध किया है. वो अपना दीपक स्वंय बने और अपने साथ औरों के जीवन को भी प्रकाशयुक्त करने के पथ पर चलते रहे.

वो शताब्दियों से प्रेरणा का स्त्रोत रहे हैं और हमेशा बने रहेंगे. ये सिर्फ इसलिए संभव हो पाया है क्योंकि बुद्ध एक ऐसा विचार हैं जो प्रत्येक मानव के हृदय में धड़कते हैं. बुद्ध त्याग और तपस्या की सीमा हैं, बुद्ध वो हैं जो स्वंय को तपाकर, खपाकर, खुद को न्यौछावर करके पूरी दुनिया में आनंद फैलाने के लिए समर्पित हैं. पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सफलता के पैमाने और लक्ष्य दोनों समय के साथ बदलते रहते हैं और हमेशा ये ध्यान रखना चाहिए कि हमारा काम हमेशा सेवाभाव से होना चाहिए. सेवाभाव से किया गया कार्य सदा सद्फल देने वाला होता है.