कोरोना संकट जिससे आज पूरा संसार तबाह हैं, उस वायरस के निकलने का केंद्र चीन का एक शहर वुहान जिसने पूरे विश्व के देशों के नाक में दम कर रखा हैं. उस वायरस के बारे में कहा जाता हैं कि ये वायरस किसी जीव जंतु से नहीं बल्कि वुहान के ही एक लैब से निकलकर लोगों में फैला हैं. कुछ दिन पहले अमेरिका ने दावा हैं कि ये वायरस लैब से निकला हैं और उनके पास इस बात का सबूत भी हैं. अब ट्रम्प का दिमाग चीन के प्रति बिल्कुल ख़राब हो गया हैं जिसके कारण ट्रम्प चीन को सबक सिखाने के लिए ये कदम उठा सकता हैं.

दो साल तक चली तनातनी के बाद अमेरिका और चीन के बीच जनवरी-2020 में पहले दौर का व्यापारिक समझौता हुआ था. जनवरी में जब दोनों के बीच आर्थिक और व्यापारिक समझौते हुए तो संयुक्त बयान में कहा गया था कि यह चीन और अमेरिका के लिए ही नहीं, बल्कि सारी दुनिया के लिए लाभदायक है. चीन और अमेरिका के बीच पहले चरण के व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने का समारोह अमेरिका के ह्वाइट हाउस में आयोजित हुआ. जिसपर आर्थिक वार्ता के चीनी प्रभारी ल्यो हे और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हस्ताक्षर किए थे.

लेकिन कोरोना वायरस की वजह से अमेरिका अब चीन से चिढ़ा हुआ है. खुद अमेरिकी राष्ट्रपित डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना वायरस को लेकर चीन पर आरोपों की झड़ी लगा दी है. ट्रंप ने कोरोना वायरस को दुनिया में फैलाने के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया है. अमेरिका ने लगातार कोरोना का ठीकरा चीन पर फोड़ा है. अमेरिका अब चीन को सबक सिखाने की बात कर रहा है. चार महीने हुए व्यापारिक समझौते को लेकर अब अमेरिका का रुख बदल रहा है.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को कहा कि वह दोनों देशों के बीच चार महीने पहले हुई इस डील को खत्म कर सकते हैं. फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में राष्ट्रपति ने कहा कि वह इस समय चीन से काफी नाराज हैं और अमेरिका-चीन ट्रेड डील को लेकर अभी कुछ भी तय नहीं है. यानी यह समझौता टूट सकता है.