अयोध्या में राम मन्दिर बनने को लेकर हो रही सियासत का माहौल गर्म है. हिन्दुओं की आस्था का प्रतीक श्रीराम मन्दिर राम भरोसे ही है. इस सरकार में लोग उम्मीद कर रहे हैं कि शायद मंदिर बनने का मार्ग प्रशस्त हो सके लेकिन अभी जिस तरीके से मुस्लिम धर्म गुरुओं की तरफ से बयानबाजी आ रही है उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि अयोध्या में मंदिर निर्माण होने में समय लग सकता है. दरअसल मोदी सरकार चाहती है कि मंदिर दोनों पक्षों की सहमती से बने, कोई विवाद ना हो, और इसलिए इसमें मध्यस्थता करने के लिए अध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर जी ने पहल तो की, जिसमें शिया मुस्लिम धर्म गुरुओं का साथ भी मिला लेकिन सुन्नी संप्रदाय के लोगों की तरफ से निराशा ही जवाब में आई.

मंदिर निर्माण और भारत के मुसलमानों पर अपनी राय रखते हुए केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि “अयोध्या में राम मंदिर बनाने में मुस्लिम भाइयों को सभी सहयोग देना चाहिए. हिन्दू समुदाय के लिए मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम आस्था के प्रतीक हैं, उनका मंदिर भारत में नही बनेगा तो कहां बनेगा.” इतना ही नही मुसलमानों के पूर्वज और उनके इतिहास पर भी केन्द्रीय मंत्री ने बयान दिया.

जनसत्ता के मुताबिक राजस्थान के जोधपुर में रविवार को गिरिराज सिंह ने कहा कि “भारत में रहने वाले मुसलमान मुग़ल शासक बाबर की औलाद नही बल्कि भगवान राम की संतान हैं. हिन्दू-मुसलमानों की धर्म पद्धति भले ही अलग-अलग हो लेकिन उनके पूर्वक एक हैं, वंशज एक हैं, इसलिए मंदिर निर्माण में उन्हें भी सहयोग देना चाहिए.”
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Muslims here are not children of Babur, they're children of Ram; should support Ram temple in Ayodhya: union minister Giriraj Singh (Jodhpur, 26/11/17) pic.twitter.com/bmqOxlanN4
— Mahim Pratap Singh (@mayhempsingh) November 26, 2017